केजरीवाल के विडियो पे सवाल उठने लाज़मी है ,उठने भी चाहिए…पर सोचने वाली बात ये है कि अरविन्द केजरीवाल के गुजरात दौरे के बाद ये बीजेपी द्वारा मीडिया पे किआ गया दूसरा हमला है -- पहला NDTV को अपनी वेबसाइट पर सर्कुलर जारी कर के बायकाट करना ,और दूसरा ये नवीन विडियो जिसमे कथित रूप से आजतक के पुण्य प्रसून वाजपेयी की अरविन्द केजरीवाल के साथ सेटिंग दिखाई जा रही है… कुछ लोगो के ट्वीट्स से ऐसा भी प्रतीत हुआ कि "ज़ी न्यूज़" पर लगातार हो रही बहस में अब राजदीप सरदेसाई और रवीश कुमार का नाम भी अरविन्द केजरीवाल के साथ जोड़ा जा रहा है… अगर थोडा गौर किआ जाए तो दोनों में एक बात कॉमन है -- आज तक और NDTV ने अन्ना आंदोलन के समय से ही काफी हद तक सच्चाई को जनता के बीच ले जाने का काम किआ है.… कुछ दिनों पहले रवीश कुमार ने प्राइम टाइम में गुजरात के विकास के दावों कि पोल खोली थी , वहीँ आजतक ने अरविन्द केजरीवाल पे कार्यशैली पे काफी सकारात्मक रिपोर्ट्स दिए… इस हिसाब से सिक्के का दूसरा पहलु ये भी कहता है ये बीजेपी का मीडिया-हाउसेस को वश में करने का तरीका हो सकता है....