संस्था का उद्देश्य अल्पसंख्यकों को आगे बढ़ानाः तनवीर
गोरखपुर। अशफाक हुसैन मेमोरियल सोसायटी के चलाने वाले तनवीर सलीम ने ‘आयाम स्वरूप’ से बातचीत करते हुए अपने विषय में बताया कि वह अमेरिका में पढ़ाई करके वहीं पर न्यूक्लियर इंजिनियर रहे और लगभग 25.30 साल अमेरिका में बिताये श्री सलीम अब पिछले एक साल से भारत में हैं भारत में रहने के अपने उददेश्य बताते हुए श्री सलीम ने बताया कि अशफाक हुसैन मेमोरियल सोसायटी के अंतर्गत इंटरमीडिएट के गरीब छात्रों को मुफ्त कोचिंग दी जाती है। जिनके विषय अग्रेजी, फिजिक्स, केमेस्ट्री बायो, मैथ है हम इस सोसायटी के माध्यम से गरीब बच्चों को बिल्कुल फ्री कोंचिग देते है। इसके अलावा दूसरे लोग बैंक की परीक्षा की तैयारी भी फ्री कराते है। सोसायटी की तरफ से गरीब छात्राओं को स्कालरशिप की भी योजना है। जो कि साल में 10 महीने 250 रूपये प्रति महीना दिया जाता है। इस बार ज्यादातर मौलाना आजाद गल्र्स इंटर कालेज की लड़किया का सेलेक्शन हुआ है जिनको यह स्कालरशिप मिल रही है। पिछले साल इमामबाड़ा गल्र्स इंटर कालेज की लड़कियों को यह लाभ मिला था। श्री सलीम ने आगे कहा कि राजनीति में एक्टिव हूं मुस्लिमों का जो पिछड़ा वर्ग है जिसे हम ओबीसी कहते है। उन मुसलमानों के लिए रिजर्वेशन तथा उनकी पढ़ाई के लिए हम सरकारसे समय-समय पर मांग करते रहते है। तथा किस तरह से उनको आगे बढ़ाया ज सकता है इस विषय पर हमारे वालिद श्री असफाक हुसैन ने कई किताबे लिखी है। जिन किताबों का हम लोग बाट कर लोगों तक अपना संदेश पहुंचाते है। पम्पलेट, अखबारों में मजमून आदि के द्वारा भी हम लोग अपने काम को आगे बढ़ा रहे है।
श्री सलीम ने कहा कि मेरा उद्देश्य है कि समाज में जो पिछड़ा वर्ग है चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम सभी को समाज में आगे बढ़ाया जाये। क्योंकि जो समाज का पिछड़ा वर्ग है उन सभी की समस्याएं एक समान है। इसलिए हम सभी पिछड़ों को एक साथ लेकर चल रहे है। हमारी संस्था की कोचिंग सभी के लिए है चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम।श्री सलीम ने कहा कि, हम लोगों की जानकारी के लिए आवश्यक कैम्प चला रहे है इसका नाम ‘‘पसमान्ता क्रान्ति अभियान’’ है एक साल तक गोरखपुर, मऊ तथा पूरे पूर्वांचल के हर जिले में हम अपना पम्पलेट भेजेगे इसके लिए हम लोगों ने एक आदमी स्थायी तौर पर इसी काम को करने के लिए रखा है जो हर सगह जाकर लोगों को हमारी बात बतायेगा लोगों की समस्याओं को समझेगा और उनका निवारण कैसे हो सकता ये देखेगा। और एक साल तक हम लोग देखेंगे कि पूर्वांचल की कौनसी समस्यांए है और हम लोगों को उनको दूर करने के लिए क्या करना होगा। श्री सलीम ने कहा कि आजकल हैण्डलूम के बारे में बहुत से लोग लिख रहे है मैरे हिसाब से हैण्डलूम और पावरलूम के लिए अगर किसी ने बहुत ज्यादा काम किया है तो वह है श्रीमती इंदिरा गांधी, (1975.1977) इसके बाद किसी ने कोई काम नहीं किया है।