यह एक सौभाग्य की बात थी कि नए आज़ाद हुए भारत के निर्माण का ज़िम्मा जवाहर लाल नेहरु पर पड़ा। तब से अब तक जमुना नदी में बहुत पानी बह चुका है, और उस समय नेहरु द्वारा अपनाई नीतिओं पे बहुत से प्रश्न चिन्ह भी लगाये जा चुके है। मेरा मानना है की नेहरु को जिस प्रकार का देश उस समय मिला, उसकी नज़ाकतों को देखते हुए जो भी फैसले उनहोंने किये, वो कुछ हद तक सही थे। स्थिरता के साथ साथ एक दिशा भी दिया देश को। नेहरु ने दुनिया देखने के साथ साथ दुनिया और उसकी रीति रवाजों का अच्चा अध्ययन भी किया था, इसी कारण उनके अंदर कूप मंडूकता नहीं थी, जिस की वजह से यह देश दुनिया में अपना स्थान बनाने में सफल रहा।