प्रधान मंत्री इंदिरा गाँधी से सत्तर के दशक में अक्सर मुलाक़ात होती थी. मैं उनसे बहुत प्रभावित हुआ था जब उन्होने ऑटओग्रॅफ उर्दू में मुझे दिया था. पाकिस्तान से युध में भारत की जीत और बांग्ला देश का जनम ये ऐसी घटनायें थी जिस ने संपूर्ण विश्व में भारत का कीर्तिमान स्थापित किया था. जिस राजनीतिक कूटनीति का परिचय दिया था उसने अमेरिका जैसे शक्तिशाली देशों को घुटने टेकने पे मजबूर कर दिया था.
पर ले डूबा उनको भी पुत्र मोह और देश ने देखा उस काली रात को जब आपात काल ने भारत की बुनियाद को हिला दिया था. ग़लतियाँ किस से नहीं होती...मगर फिर भी भारत इंदिरा गाँधी को भुला नहीं सकता- तनवीर सलीम