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TanvirSalim1
on 20/11/16
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दीया बनूं तो पतिंगा नसीब हो मुझको।
नहाना चाहूं तो गंगा नसीब हो मुझको।
मेरी तमन्ना अगर कोई है, तो बस ये हैं।
मैं यूं मरूं की तिरंगा नसीब हो मुझको।।
-Unknown
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