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TanvirSalim1
on 20/4/15
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दूध से जला वोटर छाछ भी फूँक फूँक कर पीने का संकल्प करता है पर चुनाव निकट आते ही भूल जाता है अपने उस प्रण को और फिर वही भूल दोबारा कर देता है...वोट दे देता है जाति और धर्म के नाम पर....जैसा बोवो गे वैसा ही काटोगे..