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TanvirSalim1
on 30/1/15
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गाँधी जी के निधन पे रेडियो पाकिस्तान से प्रसारित की हुई मर्सिया:
ऐ कौम न छूटे गा दमन से तेरे ये दाग,
गुल तूने अपने हाथ से अपना किया चिराग,
बापू का कतल करके तूने तोडा है वो फूल,
तरसे गा लहलहाने को अब एशिया का बाग़,