by
TanvirSalim1
on 17/6/15
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कुछ मुरझाये फूल राह में हैं तो क्या हुआ, दरख्तों पे बे शुमार कलियाँ भी तो लहरा रही हैं, मानो कह रही है की क्यों न उम्मीद हो, आने वाला कल तो तुम्हारा है।