आने वाले सालों में हम भूल जायेंगे शास्त्री जी के बारे में। इतिहास के पन्नों में न जाने ऐसी कितनी कहानियां खो चुकी है, जिन को आवरण पे होना चाहिए था।
एक होनहार छात्र, ईमानदार राज नेता और भारत के एक योग्य सपूत जिसने पद की गरिमा बढ़ाई। यह भारत का दुर्भाग्य है की अब ऐसे लोग बहुत कम रह गए हैं। "जय जवान जय किसान " का नारा देने वाले शास्त्री जी जैसे नेता की आज इस देश में बहुत ज़रुरत है।
ऐसा नेता कोई आसमान से टपकाया नहीं जाएगा। हमें ही अपने बीच से ऐसे किसी शास्त्री को ढूंढ कर वापस लाना होगा जो भारत का नेतृत्व करने योग्य हो।
निकम्मे और नाकारा तो हम ही है जो न जाने किस किस तो क
हाँ कहाँ से ले आ कर अपने दिमाग के खोखले पन का सबूत देते है।