आज के युवा में क्रोध है क्योंकि उसके साथ छल किया है राजनेताओं ने. अपनी तिजोरी भरते रहे और भूल गये अपने वादों को....ऐसे में लाज़िम है तख्त-ओ-ताज का हिल जाना...हर दल में ऐसे लोग भरे पड़े हैं जो छल कपट के द्वारा आपके सपनों की धज्जिया उड़ाने को तैयार मिलेंगे...ऐसे में वोट दें भी तो किसको?...पत्थर लिए हम सब तैयार हैं पर पहला पत्थर मारे भी तो कौन?..कौन है ऐसा जो पापी नहीं है?