अमेरिका की सरहद में घुस कर उत्पात मचाने वालों को अमेरिका ने ऐसा सबक सिखा दिया की वह कभी अमेरिका की तरफ देखने की जुर्रत न करेंगे।
आज इंडिया भी एक दोराहे पे है। पाकिस्तान की तरफ से उसकी सरहदों पे आतंकवाद का खतरा बढ़ता जा रहा है। लोग मारे जा रहे हैं। सौ सुनार की और एक लोहार की कहावत, क्या यहाँ लागू होती है?
इंदिरा गाँधी ने सत्तर के दशक में एक निर्णायक कदम उठाया था, और दुनिया को दिखला दिया था की भारत अपने देश के हित के लिए किसी भी चुनाव्ती से पीछे नहीं हट ता है, और उस से पैदा हुआ एक नया देश-बंगलादेश।
आज भी भारत को कमज़ोर समझने वालों को सबक सिखाया जा सकता है। मगर ऐसा करने से हम वही कर बैठें गे जो शत्रु चाह रहा है। माना की हर चीज़ की एक हद्द होती है, मगर हमें संयम से काम लेना होगा।
पाकिस्तान हर तरह से हारा हुआ, एक नाकाम देश है, मगर इंडिया उससे भिन्न है। आज जब इंडिया सबको पीछे छोड़ चुका है, ऐसे में उसे अपनी जंगों को बहुत समझदारी से चुनना होगा। करना वही होगा, जो देश के हित में हो। हमें अपनी नज़र लच्छ से नहीं हटाना होगा। हमारे सामने एक मौका है, विश्व शक्ति बनने का, ऐसे में अगर जो हम अगर उलझ जाते हैं, पाकिस्तान जैसे के साथ, तो चाइना और अमेरिका को पीछे छोड़ देने का हमारा ख्वाब अधूरा रह जायेगा।
हमें कमज़ोर न समझना। यूं तो हम तुम को जीतने की सलाहियत रखते है, मगर आज हमारी निगाहें कहीं और हैं।