अभी देर नहीं हुई है, कल खिलने वाली कोंपलों को मुस्कुराना होगा,नए क़दमों को इतराना होगा, और अपने भविष्य को सवारना होगा।
इस काम को करने कोई नया मसीहा नहीं आएगा। पूर्वांचल की युवा को एक शक्ति के रूप में उभर कर पुरानी विचार धारा के लिबास को उतार कर परिवर्तन या बदलाव को ग्रहण करना होगा, अन्यथा आने वाले कल का युवा उन्हें कभी माफ़ नहीं करेगा।