अब भी वक़्त है की हम अपनी सोच को बदल दें और उन जंजीरों को तोड़ दें जो हमारे क़दमों को आगे बढ़ने में बाधा सी बन बैठी हैं। क्या खोया और क्या पाया की कसौटी पे देखा जाए तो हम ने अपनी हट धर्मी के कारण खोया ही ज़यादा है। चलो इस रीति को छोड़ कुछ नया कर दिखाया जाए।...Tanvir Salim.