Shame on those Muslims:गोरखपुर के पास किसी दूसरे ज़िले में मेरे एक रिश्तेदार को उनके घर के सामने वाली मस्जिद में नमाज़ पढ़ने से माना कर दिया है कुछ धर्म के ठेकेदारों ने. शायद मसलक का मामला है..देवबंदी..बरेलवी..वग़ैरा..वग़ैरा...
आज जब हम मुसलमान अपने धर्म के कुछ लोगों को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं छोटी छोटी बातों की वजह से....तो कैसे ये मिल कर रह सकते हैं दूसरों के साथ. इस्लाम में कोई कमी नहीं है बात उन "कुछ" लोगों की है जो इस धर्म को हाइजॅक करना चाहते हैं.