यह भारत का सौभाग्य है की भारत के संविधान को लिखने का दायत्व अंबेडकर को दिया गया और इस कर्तव्य को उन्होने भली भाँति निभाया. एक ऐसा संविधान जिस में समाज के कुचले हुए लोगों को उचित स्थान मिला, की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम होगी. गाँधी और नेहरू की विचारधारा को पन्नों में समेटने का कम सिर्फ़ अंबेडकर ही कर सकते थे. ऐसे भारत रत्न को शत शत प्रणाम