An old Post in Memory of rape victim "Nirbhaya"......Happened today, many years back....
इंसान के अंदर छिपा हैवान रहे रहे जाग हमें शर्म सार करता है। कुछ दिनों के लिए हर कोई शोर मचाये गा और फिर सबका ध्यान दुसरे मुद्दे पे लग जाये गा। दिल्ली में हुई बलात्कार की घटना अफसोसनाक है। यह तो थी दिल्ली की बात, मगर सच्ची बात यह है की ऐसी ना जाने कितनी घटनाएं छोटे बढ़े शहरों में रोज़ होती है, और हमारे कान पे जू तक नहीं रेंगती है।
सत्तर के दशक में बिल्ला और रंगा नाम के दो अपराधियों ने कुछ ऐसा ही किया था, किस्सी ऊंचे अधिकारी के बच्चों के साथ, जिस के कारण उन्हें फँसी के फंदे पे लटका दिया गया था।
आज ज़रुरत इस बात की है की कानून के रखवालों को अहसास दिलाया जाये की अगर जो वोह ड्यूटी करते है तो उनकी कुछ ज़िम्मेदारी भी बनती है।
मगर यहाँ जहाँ बहुतों के दामन दागदार हैं आखिर पहला पत्थर कौन मारेगा।....