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by TanvirSalim1
on 16/2/17
A gift from a friend
ज़िंदगी साहिल से तूफान का नज़ारा ही नहीं.
आओ दरिया में उतर जाने की बात करें.
खुद में सीमटे हुए रहना है तौहीन जनून.
आओ मौजों में बिखर जाने की बात करें....शुक्रिया रज़ी भाई..
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