A FB Post on Hajj Subsidy- इस्लाम धर्म मे हज साहिबे माल यानी धनी व्यक्ति पर फर्ज है गरीबों पर नही। वो व्यक्ति जो जरा सा कर्जदार है उसका हज नही हो सकता। किसी किस्म का उधार या मदद लेकर हज नही हो सकता। ये इस्लाम भी कहता है और सभी इस्लाम धर्म के विद्वान भी जानते हैं। फिर हज सब्सिडी का किस राजनीति के तहत विरोध नही। क्यू हाजी लोग इसे स्वीकार करते हैं और क्यों इस्लामिक विद्वान इसका विरोध नही करते।