Last but not the least...Tribute to President Kalam.....
माना कि इस ज़मीं को न गुलज़ार कर सके
कुछ ख़ार कम तो कर गए गुज़रे जिधर से हम..............
एक अरसे के बाद तमाम भारतीयों को एक ऐसा अवसर प्राप्त हुआ है की कोई तो ऐसा था जिस पे सब गर्व कर सके, अन्यथा...क्या हाल है समाज का किसी से छुपा नहीं है....शुभ रात्रि...