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by TanvirSalim1
on 20/6/16
KABIR JAYANTI:
कबीर का सम्बन्ध गोरखपुर के पास मगहर से था। कबीर की शिक्षाएं हमारे लिए मार्ग दर्शक बनी हुई हैं। सदभावना, भाई चारगी, न्याय और मानवता का सन्देश देने वाले कबीर का रोज़ा और समाधी मगहर में ही है। कबीर एक समाजवादी कवि थे। वह धन दौलत का सही बटवारा चाहते थे और यह समझते थे कि गरीबी और अमीरी के फ़रक से ही दुनिया में बुराइयां फैल रही हैं। इसी से उंच नीच की भावना उत्पन्न हो रही है। अगर मानव में समानता आ जाये तो शोषण और उत्पीडन पे काबू पाया जा सकता है। उनका यह दोहा कितना सार्थक ह

साईं इतना दीजियो जामे कुटुंब समाय
मैं भी भूखा न रहूँ, साधू न भूखा जाय।