हे राम !
आज अगर महात्मा गाँधी जिंदा होते तो ज़रूर देश की हालत देखने के बाद आमरण अनशन पर बैठ चुके होते- उनको क्रोध आज के नेताओं से इतना न होता जितना कि इस देश की जनता से होता- आज कल हम सारा का सारा दोष नेताओं पर मढ़ देते हैं, बिना ये सोचे हुए की उनको उस स्थान पे पहुँचाया किस ने है.
आज का वोटर जब खुद बिकाऊ हो गया है तो दुसरे पर तोहमत लगाने से क्या लाभ- जो बो गे, तुम वही काटो गे.