हमारी आशा का केंद्र है आज की युवा पीढ़ी- जो धर्म, जाति के जाल से निकल एक नयी भाषा बोलने को तैयार है। इन ही के कन्धों पे नए भारत की ज़िम्मेदारी है। आइये रास्ता बनाये इन लोगों के लिए।
अब भी वक़्त है की हम अपनी सोच को बदल दें और उन जंजीरों को तोड़ दें जो हमारे क़दमों को आगे बढ़ने में बाधा सी बन बैठी हैं।