श्रुतिविप्रतिपन्ना ते यदा स्थास्यति निश्चला I
समाधावचला बुद्धिस्तदा योगमवाप्स्यसि II
( श्रीमदभगवतगीता अध्याय २ श्लोक ५३ )
कृष्ण ने अर्जुन से कहा – भाँति भाँति के वचनों को सुनने से विचलित हुई तेरी बुद्धि जब परमात्मा में अचल और स्थिर हो जाएगी,तब तू योग को प्राप्त हो जाएगा अर्थात तेरा परमात्मा से संयोग हो जाएगा .