रोज़ा पार्क्स आज सौ वर्ष की होती. अमेरिका की वो काली औरत जिसने वही किया जो बहुत पहले गाँधी ने दक्षिणी आफ्रिका में किया था और टिकेट होते हुए भी ट्रेन से बाहर फेंक दिए गये थे. रोज़ा ने भी अपनी बस की सीट किसी और को नहीं दिया.
ये उसका साहस था जिसने ये तै किया की आने वाले समय में अमेरिका कैसा लगे गा. काले लोगों की आवाज़ बनी वो साहसी लड़की और आज ये हम देख रहे हैं की अमेरिका का प्रेसीडेंट उसी रंग का है जिस रंग की वो खुद थी.