रसूल अल्लाह सललाल्ह वाली वसलम का आख़िरी ख़ुतबा...जिस में उन्होने बताया की अरब और गैर अरब सब बराबर हैं, काले और गोरे सब बराबर हैं. मगर आज के हम मुसलमान भूल चुके हैं अपने रसूल की बात, हटते जा रहे हैं अपने धर्म से. बाँट दिए गये हैं मसलक में. हो चुके हैं गुमराह. मारे काटे जा रहे हैं हर जगह, मार रहे हैं एक दूसरे को. क्यों?...क्या आप के घर में आईना नहीं है?
क़ुरान में है की...Do not prevent people from mosques (2:114)......बाँट दिया है मस्जिदों को भी. मिल कर रहना हमारे डी एन आए में नहीं है क्या भाई?
An Arab has no superiority over a non-Arab & a white man has no superiority over a black man, except by piety & good actions - Muhammad (ﷺ)