यूपीए सरकार ने मुलमानों की समस्याओं पर ग़ौर करने के लिए सच्चर कमेटी का गठन किया लेकिन जब उसके सुझावों को लागू करने की बात आई तो उर्दू के विकास और मदरसे की पढ़ाई जैसे मुद्दे तो उठा लिए गए लेकिन बड़े मुद्दों जैसे रोज़गार, नौकरी में भेदभाव और आवास जैसे मुद्दों को पूरी तरह से अनदेखा कर दिया गया.