by
TanvirSalim1
on 10/10/14
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ये जो देश है तेरा, स्वदेश है तेरा, तुझे है पुकारा,
ये वो बंधन है जो कभी टूट नहीं सकता,
मिटटी की जो खुशबू,
तू कैसे भुलायेगा,
तू चाहे कहीं जाए,.....
तू लौट के आयेग।