मुसलमानों को धर्म के नामपर जो आरक्षण देने की बात करे ,समझ लेना वो मुसलमानों को मुर्ख बना रहा है , क्योकि धर्म के आधार पर किसी को आरक्षण नहीं दिया जा सकता है ,हां मुसलमानों की पिछड़ी जातियों को उनके सामाजिक और एजुकेशनल पिछड़े पण के आधार पर एजुकेशन और नौकरियों में आरक्षण दिया जा सकता है और कुछ जातियों को पहले से ही मिल भी रहा है अब उंकी संख्या के अनुपात में उनको आरक्षण देना चाहिए यह मांग सभी को करना चाहिए !!