मैं बचपन से ही गाँधी जी से बहुत प्रभावित रहा हूँ- आज ये देख कर मैं हर्ष व उल्लास से फूला नहीं समाता हूँ की विश्व के बहुत से राज नेता भी गाँधी जी के सिधान्तों से प्रेणना लेते रहे है- उनके संघर्ष को मार्ग दर्शाया है गाँधी जी की विचार धारा ने- पर यहाँ इस देश में जब लोगों के मुंह से ये सुनता हूँ की "मजबूरी का नाम महात्मा गाँधी", तो ऐसी सोच से कोफ़्त सी होने लगती है - माना की गाँधी जी के जीवन में त्रुटिया रही हैं, परन्तु हमें ये नहीं भूलना चाहिए की वो भी एक इन्सान थे- आज के समय में ऐसा कौन है जो गाँधी जी के क़द का हो सकता है? तनवीर सलीम