भारत के वस्त्र उद्योग में हैंडलूम का प्रमुख स्थान है। अंग्रेजों के आगमन से पहले देश की ज़रुरत का सारा कपडा हैंडलूम बुनकरों के द्वारा गाँव गाँव में तैयार होता था। ईस्ट इंडिया कंपनी की पहली निगाह भारत के वस्त्र उद्योग पे ही पड़ी, और यही उद्योग सबसे पहले इनकी बुरी निगाह का शिकार हुआ। जब भी विदेशी साम्राज्य वादियों द्वारा भारत के घरेलू उद्योग धंधों की तबाही और बर्बादी इससे सम्बंधित दस्तकारों और कारीगरों की बेकारी और परेशानी का ज़िक्र होता है तो ढाका की मलमल के तैयार करने वाले बुनकरों और उनके हथकरघा उद्योग की तबाही और बर्बादी की मिसाल सबसे पहले दी जाती है। इस बर्बादी का सिलसिला अभी भी जारी है.