by
TanvirSalim1
on 15/10/14
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बुरके में कम से कम आँखे तो खुली रहती है ,
घूँघट में तो पूरा चेहरा ही ढका रहता है !!
ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह बुरके पर उंगली उठानेवालो पहले घूँघट का अत्याचार तो देखो !!
-डॉ सुनील अहीर (बहुजन मुक्ति पार्टी)