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TanvirSalim1
on 29/1/17
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पद्मावती एक 'साहित्यिक' किरदार थी न कि ऐतिहासिक किरदार. इसका कोई ऐतिहासिक रूप नहीं है. भंसाली साहिब को इसे इतिहास से जोड़ने का निर्णय अनुचित है. उनके साथ maar पीट का भी कोई औचित्य नहीं. दूसरे तरीके हैं विरोध प्रदर्शन करने के लिए.