नज़म
फूलों की तरह तेरी सूरत नज़र आती है,
गुलशन में तेरी आहट इक नग़मा सुनाती है,,
बूँदें जो टपकी हैं बारइश की तेरे रूख पर,
गुल पर किसी क़तरे का एहसास दिलाती है,,
इस तरह तेरा आना जलवों में समां जाना,
मेरे दिल-ए मजबूर को रंगीन बनाती है,,
मैं तेरी मोहब्बत का दीवाना हूँ दीवाना,
हर इक अदा तेरी चाहत को जगाती है,,
जो तुम ने सुनायी है रूदाद मोहब्बत की,
तनवीर के ख्वाबों की ताबीर बताती है,,
तनवीर