तेरी आँखों पे है टिकी ये तमाम मेरी हसरतें.
तेरे एक इशारे में है छिपी मेरी उम्र भर की मूसरतें.
मेरी हर खुशी हर एक गम का है तुझी से वास्ता.
मक़सद मेरा मंज़िल मेरी तू ज़िंदगी का रास्ता.
मेरे लड़खराते साज़ पे तू नगमा बन के मचल गयी.
मेरे काँपते वजूद पे तू हौसला बनके लिपट गयी.
मेरी साँस में जो बस गयी वो तेरे प्यार की बात है.
मेरे रूह में जो सज गयी तेरी मुस्करती आँख है....तनवीर सलीम..