डार्विन के विकास करम का सिधांत इस बात से अवगत कराता है कि इस सृष्टि में वही जीव अपने को बचा पाया है जिस के अंदर अपने को हालात के साथ बदलने कि छमता थी - जो बदल नहीं पाया, उसका नमो निशान भी मिट गया -आज जब हम अपने वजूद कि लड़ाई लड़ रहे हैं, तो हम इस बात से अनभिग क्यों हैं कि हमें अपने आप को बदलना होगा? यही बात गोरखपुर के लोगों पे भी लागू होती है - परिवर्तन के स्रोत आप ही हैं- अगर बदलाव को लाना है, तो अपनी सोच को बदलना होगा, नहीं तो हमारा कुछ भी अपने आप नहीं होने वाला है - तनवीर सलीम