जिस समय Aligarh में Anglo-Oriental College और बाद में मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई उसी ज़माने में आम मुसलमान आधुनिक शिक्षा से किनारकाशी कर रहे थे, और पिछड़े मुसलमान की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी की वो शिक्षा प्राप्त करने के लिए अपने बच्चों को Aligarh भेज़ सके. उनके लिए तो अपने आस पास ही शिक्षा दिलवाना बहुत कठिन था. च्योंकि आम तौर से पिछड़े मुसलमानो की रोज़ी रोटी हस्तकला, छोटी नोकरी और छोटी-छोटी कृषि से ही थी.इसलिए इनके बच्चे अल्प आयु से ही हस्तकला और छोटे काम धंधे में लग जाते थे और अपने अभिवावक का हाथ बटा रहे होते थे. प्रारम्भ में इनमें जागरूकता की कमी थी. शिक्षा से भी वो अधिकतर दूर रहने पे मजबूर थे. Aligarh की ये शैक्षिक संस्था अपने प्रारम्भ में अमीरों के बच्चों को ही शिक्षा देने के लिए स्थापित हुई थी. हर्ष की बात है की अब ये संस्था एक ऐसी जन संस्था बन गयी है, जहाँ आम तौर से शिक्षा में कोई भेद नहीं बरता जाता, जैसा पहले कभी था-तनवीर सलीम