"जिस नदी के तट पर महात्मा बुद्ध ने अपना राजपाट छोड़कर संन्यास धारण किया एवं महान सन्त कबीर ने अपनी आखिरी सासें ली, वही आमी नदी आज अपनी जिंदगी की भीख इस समाज से माग रही है"....क्या है इस का हल?..बंद करो इस में डालना कचरा चाहे वो शहर का हो या की कारखाने का...