चौरी चौरा में पोलिस चौकी को "क्यों" जलाया गया ये अधिक महत्पूर्ण है. मगर सिर्फ़ याद रखा गया गाँधी जी का आंदोलन को वापस लेना. बीस से अधिक भारतीयों को फाँसी पे लटका दिया गया उस पे किसी ने ध्यान नहीं दिया. वो लोग फाँसी के फंदे पे झूल गये मगर इतिहास में उनका ज़िक्र ना के बराबर है. जो जलाए गये वो तो अंग्रेज़ो के वफ़ादार थे. उनसे सहनभूति कैसी?