किसकी जीत हुई से ज़्यादा महत्वपूर्ण बात ये है की किसकी हर हुई? अपने परिवार में लाल बत्ती हर किसी को देने वाले यादव परिवार की. टिकेट को बेचने वाली मायावती की. हिन्दू-मुस्लिम को लड़ा कर दशकों राज्य करने वाली कांग्रेस की. आज एक नए विकल्प की आवश्यकता है, और आवश्यकता अविष्कार की जननी है. विकल्प ऐसा होना चाहिए जो विजयी पार्टी पे सकारात्मक अंकुश रख सके..जब तक ये विकल्प जनम नहीं लेता तब तक तमाम हारे हुए दलों को राजनीती से संन्यास ले लेना चाहिए. जय हिन्द.