आपने आंबेडकर पढ़ा और चढ़ गए हिन्दू धर्म के ऊपर. इस्लाम को 24 कैरट सोना मान लिया, चढ़ा दी चादर और फैला दी अगरबत्ती की महक. कौन सा इस्लाम, किस का इस्लाम, कहाँ का इस्लाम, कब का इस्लाम, कैसा इस्लाम... कुछ नहीं सुनना चाहते आप. क्यों पूरी दुनिया में मुसलमान पिट रहे हैं और ज़िल्लत हो रही है यह नहीं जानना चाहते आप. सब या तो अल्लाह जाने या ब्राह्मण और यहूदी. आप फरिश्तों की फ़ौज और इमाम मेहदी का इंतज़ार करेंगे. चादर उठाईये और देखिये यहाँ भी कुछ सड़ रहा है. बदबू यहाँ भी है. आप इन्सान हैं शतुरमुर्ग नहीं...copied..