अब तो परवेज़ मुशर्रफ साहिब भी हमें डराने लगे,.कहते हैं की पाकिस्तान के पास बम शब-ए- रात वग़ैरह के लिए नहीं है. अरे भाई आप के लिए तो हमारा एक अब्दुल हामिद ही काफ़ी था, जिस ने आप के पॅटन टॅंक को खिलौना समझ खेला. क्या बात करते हो भाई, होश की बात करो.
भूल गये इंदिरा गाँधी को, तुम्हारे देश के दो हिस्से कर दिए. जीत के तुम्हारे लाख क़ैदी को इज़्ज़त के साथ वापस कर दिया.