अकल्लियत व मुसलमानों के नाम पे हिन्दुस्तान में जो भी सियासी पार्टियां हैं उनके बड़े ओहदों और कुर्सियों पे कुछ खास तरह के लोग ही काबिज़ हैं जिनका पसमांदा मुसलमानों के मसायल से कोई लेना देना नहीं है।
इसी तरह से मुसलमानों की जो भी बड़ी समाजी व मज़हबी तन्ज़ीमें या अदारे हैं उनपे भी वही लोग काबिज़ हैं।
इन लोगों का भी पसमांदा मुसलमानों के मसायल से कोई मतलब नहीं है।